कहते हैं एक तसवीर हज़ार शब्दों के बराबर होती है और मुंबई क़त्ले आम के संदर्भ में तो एडवार्ड मुन्ग्क (Edvard Munch) के यह तसवीर अनगिनत अल्फाज़ बयान करती है। तसवीर का शीर्षक है 'चीख' (The Screem)। क्या कुछ और कहने की ज़रूरत है?
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
दैत्य का उद्धार
प्राचीन काल में वितस्ता नदी के तट पर ऋषिवर मुंडकेश्वर, 5000 गाय सहित, एक विशाल आश्रम में रहते थे । अनेक ऋषि और सैकड़ों विद्यार्थी वहां रह ...
-
शिशिर कणों से लदी हुई कमली के भीगे हैं सब तार चलता है पश्चिम का मारुत ले कर शीतलता का भार भीग रहा है रजनी का वह सुंदर कोमल कबरी भाल अरुण किर...
-
प्राचीन नगर श्रावस्ती वाणिज्य का प्रमुख केंद्र था, हर तरह कि वस्तुओं के बाजार (हिन्दी शब्द क्या है- हाट ?) थे, श्रमणों, व्यापारियों, कलाकार...
-
Sun lijiye fursat hai, phir kya ho khuda jaane? kab se haiN mere dil maiN, betaab kuch afsaane! Like everybody else I too always had a re...
1 comment:
मुझे तो कला कीज़्यादा समझ है नहीं, बड़े चित्रकार ने बनाया है तो चित्र कलात्मक ही होगा. चित्र ब्लॉग पर लाने के लिए धन्यवाद.
Post a Comment