Tuesday, October 21, 2008

'काल यात्रा' अर्थात 'टाइम ट्रेवेल' ! ! !


'काल यात्रा' में शायद वह प्रभाव नही या वह सटीक अर्थ नही जो अंग्रेजी लफ्ज़ 'टाइम ट्रेवेल' में है। इसमें कोई आश्चर्य नही क्योंकि अकसर लफ्जों का महत्व या वज़न इस बात पर निर्भर करता है के हम उसे कितनी सघनता से अनुभव करते हैं। उदाहरण के तौर पर 'अनुभूति' उर्दू लफ्ज़ 'एहसास' से ज्यदा प्रभावशाली है और ये दोनों ही अंग्रेजी लफ्ज़ 'फीलिंग' से कहीं अधिक दिल के क़रीब हैं। खैर इस आलेख का मुद्दा ये नही है बल्कि क्या 'काल यात्रा' सम्भव है?


मेरा अपना ख़याल है के शायद 'काल यात्रा' केवल एक दिशा में ही सम्भव है यानी केवल भविष्य की तरफ़! इसकी दो वजह हैं, पहली वज़ह तो ये है के समय में पीछे जाने का मतलब इतिहास के साथ छेड़छाड़ करना और कुछ ऐसी असंभव संभावनाएं पैदा कर देना जो हमारे अस्तिव ही को नकार दे। मसलन 'ग्रैंडफादर पैराडोक्स' जैसी स्थिति जिसमें कोई शख़्स 'काल यात्रा' कर ऐसे वक़्त में पहुँच जाता है जब के उसके पिता का जन्म ही न हुआ हो और अपने दादा की हत्या कर देता है। दूसरी वजह कुछ अटकलबाजी पर आधारित है। सोच का आधार साधारण सा है यानी अगर 'काल यात्रा' भविष्य में कभी भी संभव हुई, और इसके लिए हमारे पास अनंतकाल है, तो इस वक़्त हमारे दरम्यान अनेक 'काल यात्री' मौजूद होने चाहियें और चाहे ठीक इस वक़्त नही तो कमज़कम पूर्व में ऐसे यात्रियों के आने का संकेत तो होना चाहिए!

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