Wednesday, November 29, 2006
Buddha was wrong!
True, nothing matters if you don’t exist. But what exist isn’t only bad. Death, old age and sickness are all part of life but so is exhilaration of creation.
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मूल्यांकन
मुझे ट्रैन का सफ़र पसंद है, सस्ता तो है ही अक्सर ही दिलचस्प वाक़िये भी पेश आ जाते हैं। हवाई सफर महंगा, उबाऊ और snobbery से भरा होता है , हर क...
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शिशिर कणों से लदी हुई कमली के भीगे हैं सब तार चलता है पश्चिम का मारुत ले कर शीतलता का भार भीग रहा है रजनी का वह सुंदर कोमल कबरी भाल अरुण किर...
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( महाभारत का यह बेहद ही नाटकीय हिस्सा है, मैंने इस एक नया अर्थ देने की कोशिश की है) यक्ष - रुको! मेरे सवालों के जवाब दिए बिना तुम पानी नहीं ...
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एक बार नंदन मोहन के यायावर स्वभाव ने हठ की कि चरेख डांड विचरण किया जाय। तदर्थ दाणी (नंदन मोहन) प्रातः ही गुदड़ी में चून की रोटी और चटनी रख डा...