Friday, December 05, 2008

चीख . . .!


कहते हैं एक तसवीर हज़ार शब्दों के बराबर होती
है और मुंबई क़त्ले आम के संदर्भ में तो एडवार्ड मुन्ग्क (Edvard Munch) के यह तसवीर अनगिनत अल्फाज़ बयान करती है। तसवीर का शीर्षक है 'चीख' (The Screem)। क्या कुछ और कहने की ज़रूरत है?




मूल्यांकन

 मुझे ट्रैन का सफ़र पसंद है, सस्ता तो है ही अक्सर ही दिलचस्प वाक़िये भी पेश आ जाते हैं। हवाई सफर महंगा, उबाऊ और snobbery से भरा होता है , हर क...