मुड़ के जो देखा
कोई न था
क़दमों की आहट न थी
शायद कोई टहनी चटकी थी
मैं था और तन्हाई थी
सिलसिला देवदारों का
मोड़ पर जो था मकाँ
चिमनी से उसकी सफ़ेद धुआं
घुलता था नीले आसमां
मैला कुचैला कुछ भी न था
बर्फ ने सब ढँक दिया था
साहिर का खींचा तिलिस्म था
ये मरहला जब गुज़र जाएगा
धुआं काला हो जाएगा
कागज़ के पुर्ज़े, कपड़ों के टुकड़े
प्लास्टिक के बैग, कुचली घास
बदरंग ज़मीन और गिले - शिकवे
सब उभर आएंगे
चल अभी दूर जाना है
नक्स-ए -क़दम छोड़ जाना है
कोई न था
क़दमों की आहट न थी
शायद कोई टहनी चटकी थी
मैं था और तन्हाई थी
सिलसिला देवदारों का
मोड़ पर जो था मकाँ
चिमनी से उसकी सफ़ेद धुआं
घुलता था नीले आसमां
मैला कुचैला कुछ भी न था
बर्फ ने सब ढँक दिया था
साहिर का खींचा तिलिस्म था
ये मरहला जब गुज़र जाएगा
धुआं काला हो जाएगा
कागज़ के पुर्ज़े, कपड़ों के टुकड़े
प्लास्टिक के बैग, कुचली घास
बदरंग ज़मीन और गिले - शिकवे
सब उभर आएंगे
चल अभी दूर जाना है
नक्स-ए -क़दम छोड़ जाना है
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